रोग एंव बायोकेमिक औषधि (Disease & Biochemic Medicine )


गर्मी के मौसम मे बार बार प्यास की चिकित्सा (Click Here for the treatment of Frequent thirst in summer season)

लू लगना (Heat Stroke) के चिकित्सा के लिए यहाँ पर क्लिक करें (Click Here for the treatment of Heat Stroke)

अपच एवं गैस के चिकित्सा से लिए यहाँ पर क्लिक करें – अपच एवं गैस (Click Here for the treatment of indigestion and gas)

सर्दी खाँसी के चिकित्सा के लिए यहाँ पर क्लिक करें सर्दी – खाँसी (Click Here for the treatment of Cough – Cold)

पेचिश रोग के चिकित्सा के लिए यहाँ पर क्लिक करें – पेचिश चिकित्सा (Click Here for the Treatment of DYSENTERY)


कोरोना संक्रामण के चिकित्सा के लिए यहाँ पर क्लिक करें – कोरोना संक्रामण चिकित्सा (Click Here for Treatment of Corona Infection)


बार बार प्यास, पेशाब लगना एवं कब्ज की चिकित्सा के लिए (मधुमेह आदि रोगों मे) Click Here for the treatment of Frequent thirst, urination and constipation


टायफायड चिकित्सा के लिए यहाँ पर क्लिक करेंटायफायड चिकित्सा (Click Here for the treatment of Typhoid)


महिला रोग के चिकित्सा के लिए (श्वेत या रक्त प्रदर) (Click Here for the treatment of leucorrhoea)


सामान्य कमजोरी थकान आदि के चिकित्सा के लिए(Coming soon,शीघ्र प्रकाशित होनेवाला है)



बायोकेमिक चिकित्सा पद्धति का एक संक्षिप्त परिचय – होमियोपैथी दवा आविष्कारक महात्मा हैनीमन, 1832 ईसवी के एक विद्वान व्यक्ति, 1864 ईसवी के एक चिकित्सक, 1837 ईसवी के ओलडेनवर्ग के जर्मन निवासी डॉ. शुशलर, डॉ. हेरिंग, डॉ. स्टाफ, डॉ. ओकन्नर , डॉ. एम. Daselti Walker एवं बोरिक & डूइए के सम्मलित एवं लगातार प्रयास से Biochemic Medicine का आविष्कार संभव हुआ । इन सभी ने मिलकर ये पता लगाया की मानव शरीर मूल रूप से 12 प्रकार के धातव लवण (साल्ट) अर्थात तन्तु औषधियाँ (Tissue Remedies) से संचालित होता है । मानव शरीर जब रोगग्रस्त होता है तब देखा जाता है की इन्ही 12 प्रकार के धातव लवण मेँ से किसी एक या उससे अधिक लवण की शरीर मे कमी हो गयी है, जब कम हुए लवण को रोगग्रस्त व्यक्ति को सूक्ष्म मात्र मे खिला दिया जाता है तो रोग ठीक हो जाता है । इस पद्धति की सबसे बड़ी विशेषता बताते हुए मुझे खुशी होती है, की रोगी का इलाज़ इस पद्धति से इलाज़ किया जाता है तो उसके शरीर का ऊर्जा स्तर अर्थात ताकत बेहतर रहता है । बायो केमिक चिकित्सा पद्धति के दावरा जटिल से जटिल रोगों से मुक्ति पाया जा सकता है बशर्ते चिकित्सक (डॉक्टर) अनुभवी, जानकार इस क्षेत्र मे सुक्ष्तम से सुक्ष्तम जानकारी एवं अनुभव रखने वाला होना चाहिए ।

A Brief Introduction to Biochemic Medicine – Homeopathy Medicine Inventor Mahatma Hahnemann, a learned man in 1832 AD, a physician in 1864 AD, Dr. Schüssler, Dr. Herring, Dr. Staff, Dr. Ockner, a German resident of Oldenburg in 1837 AD, The invention of Biochemic Medicine became possible due to the concerted and continuous efforts of Dr. M. Daselti Walker and Borik & Douai. All of them together discovered that the human body basically operates with 12 types of salts i.e. Tissue Remedies.

12 धातव लवण अर्थात Tissue Remedies या Biochemic Medicine निम्न हैं –

  1. Calcarea Phosphoricum
  2. Calcarea Fluoricum
  3. Calcarea Sulphuricum
  4. Ferrum Phosphoricum
  5. Kali Muriaticum
  6. Kali Phosphoricum
  7. Kali Sulphuricum
  8. Magnesia Phosphoricum
  9. Natrum Muriaticum
  10. Natrum Phosphoricum
  11. Natrum Sulphuricum
  12. Silicia

बायोकेमिक मेडिसिन एवं होमियोपथी मेडिसिन मे क्या अंतर है ?

बायोकेमिक मेडिसिन मे अल्कोहल का प्रयोग नहीं किया जाता है एंव ये मेडिसिन डाइलूसन अर्थात द्रव्य (liquid) के रूप मेँ नहीं बनाया जाता है, इसे बनाने मेँ वनस्पति, जीव-जन्तु आदि के अंश का प्रयोग नहीं किया जाता है । ये मैडिसिन पूर्णरूपेण ठोस पदार्थ से लैबोरेटरी मेँ तैयार किया जाता है । इसलिए ये मेडिसिन केवल टैबलेट के रूप मेँ ही बाज़ार मे उपलब्ध है । इसमें ऊपर से किसी भी तरह का दवा या द्रव्य (liquid) नहीं मिलाया जाता है । इसकी संख्या मात्र 12 है जबकि होमियोपथी दवा हजारों की संख्या मे उपलब्ध है ।


बायोकेमिक दवा का दाम क्या होता है ?

यह दवा 35 रुपया से लेकर 85 रुपया तक के दाम मेँ (10 ग्राम से लेकर 25 ग्राम तक) उपलब्ध है।

कौन सा कंपनी का दवा अच्छा होता है ?

जो सस्ता होता है वही अच्छा होता है । दवा सस्ता लें या मंहगा काम सबका एक ही है, ज्यादा पुराना दवा लेने से बचें, चाहे वो दवा किसी भी कंपनी का हो ।

रोग ठीक होने पर दोबारा होने की संभावना रहता है ?
बायोकेमिक चिकित्सा मेँ कोई रोग अगर ठीक हो जाता है तो उसे लौटने का संभावना बहुत कम होता है, अगर दोबारा रोग का हुआ भी तो वो पहले की अपेक्षा बहुत जल्दी ठीक हो जाता है ।

बाओकेमिक दवा खाने से किसी भी तरह की परेशानी हो सकती है ?
90 प्रतिशत लोगों को कोई परेशानी नहीं होता है । जिन्हे पहले से कई रोगों ने जकड़ रखा है उन्हें कुछ परेशानी हो सकती है या कुछ अधिक लाभदायक भी हो सकता है ।


दवा जिसका हम पहले से सेवन करते आ रहें है जारी रखें या बंद कर दें ?
अगर दवा जरूरी है तो जारी रंखे लेकिन कोई भी दवा खाने के 1 घंटा बाद बाओकेमिक दवा का सेवन करें ।

बाओकेमिक दवा कहाँ मिलता है ?
यह दवा होमेओपैथी दुकान मेँ आसानी से मिल जाता है ।

Biochemic medicine is easily available at Homeopathy Medicine shop.

राजतंत्र पब्लिक हैल्थ डिपार्टमेंट की रचना भारत के नागरिक को राजतंत्र के द्वारा स्वस्थ्य सेवा देने के लिए किया गया है । यह लेख राजतंत्र के अध्यक्ष शिव सेवक रमेश कुमार शर्मा के द्वारा स्व अध्ययन, अनुभव, ज्ञान एवं इलाज़ के आधार पर बनाया गया है । इसमें अनुभव एवं ज्ञान के आधार पर समयानुकूल परिवर्तन किया जाता रहेगा ।

31 जुलाई 2020 को भारत एवं पूरे विश्व के हितार्थ मेँ प्रकाशित किया गया ।

धन्यवाद

राजतंत्र अध्यक्ष

शिव सेवक रमेश कुमार शर्मा

कोलकाता , पश्चिम बंगाल, भारत